चुनाव हारते ही छोटे बच्चे की तरह विलाप करता है विपक्ष : राम कदम

चुनाव हारते ही छोटे बच्चे की तरह विलाप करता है विपक्ष : राम कदम

चुनाव हारते ही छोटे बच्चे की तरह विलाप करता है विपक्ष : राम कदम

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IANS
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विपक्ष चुनाव हारते ही छोटे बच्चे की तरह विलाप करता है: राम कदम

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

मुंबई, 27 जून (आईएएनएस)। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के बाद अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी चुनाव आयोग पर सवाल खड़े किए हैं। ममता की ओर से चुनाव आयोग पर उठाए गए सवालों पर महाराष्ट्र भाजपा के वरिष्ठ नेता राम कदम ने शुक्रवार को कहा कि विपक्ष चुनाव हारते ही छोटे बच्चे की तरह विलाप करने लग जाता है।

राम कदम ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा कि राहुल गांधी हों या फिर ममता बनर्जी, विपक्ष दल जब चुनाव जीतते हैं तो ईवीएम पूरी तरह से ठीक रहता है और चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली भी ठीक रहती है। लेकिन जब वे हार जाते हैं, तो वे चुनाव आयोग को दोष देना शुरू कर देते हैं। वे छोटे बच्चे की तरह रोते हैं।

भाजपा नेता ने कहा कि बात एक तरह ही होनी चाहिए, दोनों तरफ से आप ढोल नहीं बजा सकते हैं। हार को स्वीकार करना चाहिए। सबूत है तो कोर्ट जाना चाहिए। लेकिन, इनके पास कोई सबूत नहीं है। ये सिर्फ लोगों को गुमराह करते हैं। बच्चे की तरह ममता बनर्जी और राहुल गांधी विलाप करना छोड़ दें। ममता बनर्जी को दिख रहा है कि बंगाल में हार होगी, इसलिए अभी से माहौल बना रही हैं।

‘आप’ नेता सौरभ भारद्वाज और सत्येन्द्र जैन पर एसीबी के एक्शन पर भाजपा नेता ने कहा कि देश ने देखा है कि ईमानदारी का झूठा चोला पहनकर केजरीवाल और उनके दूसरे नेताओं ने कैसे दिल्ली को लूटा। देश ने यह भी देखा कि कैसे करोड़ों का आलीशान शीश महल बनाया गया। यदि कोई भी ऐसा करेगा तो उसे जवाबदेह ठहराया जाएगा। जब कोई जांच एजेंसी कार्रवाई करेगी तो आपको अपनी करतूतों के बारे में जवाब देना होगा।

महाराष्ट्र में हिंदी भाषा को लेकर जारी विवाद को लेकर भाजपा नेता ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार की भूमिका बहुत स्पष्ट है। मराठी हमेशा से महाराष्ट्र की प्राथमिक भाषा रही है। अतीत में भी यह मराठी थी, वर्तमान में भी मराठी है और भविष्य में जब तक सूर्य और चंद्रमा रहेंगे, मराठी महाराष्ट्र की भाषा रहेगी। हमारे मन में इसके बारे में कोई संदेह नहीं है। जहां तक सवाल हिंदी का है, तो अनिवार्यता नहीं है। महाराष्ट्र में हर बच्चे को हिन्दी आती है। राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे बीएमसी चुनाव के लिए साथ आ रहे हैं, इससे ज्यादा कुछ नहीं है।

--आईएएनएस

डीकेएम/एकेजे

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