Lok Sabha Election 2019 : आइए जानते हैं केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी के संसदीय क्षेत्र पीलीभीत के बारे में
पीलीभीत लोकसभा सीट पर पिछले करीब तीन दशक से संजय गांधी की पत्नी मेनका गांधी और बेटे वरुण गांधी का ही राज रहा है. मेनका गांधी मौजूदा नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री हैं और पीलीभीत से 6 बार सांसद चुनी जा चुकी हैं.
नई दिल्ली:
लोकसभा चुनाव 2019 का शंखनाद हो चुका है. चुनावी मैदान में उतरने के लिए कई पार्टीयों ने अपने उम्मीदवारों की लिस्ट भी जारी कर दी है. ऐसे में हमने भी चुनाव के लिए अपनी तैयारी पूरी कल ली है. तो आइए इस लोकसभा चुनाव से पहले जानिए अपने सांसद और संसदीय क्षेत्र के बारें में. आज हम बात करेंगे उत्तर प्रदेश पीलीभीत लोकसभा सीट के बारे में. फिलहाल इस सीट से सासंद मेनका गांधी है जो कि मोदी सरकार में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री है.
पीलीभीत लोकसभा सीट का इतिहास
पीलीभीत लोकसभा सीट पर पिछले करीब तीन दशक से संजय गांधी की पत्नी मेनका गांधी और बेटे वरुण गांधी का ही राज रहा है. मेनका गांधी मौजूदा नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री हैं और पीलीभीत से 6 बार सांसद चुनी जा चुकी हैं.
पीलीभीत पर गांधी परिवार का दबदबा होने के बाद भी इस सीट पर कांग्रेस अपना गढ़ कभी नहीं बना पाई है. 1951 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने यहां से जीत हासिल की थी लेकिन उसके बाद 1957, 1962, 1967 के चुनाव में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी ने जीत दर्ज की थी. हालांकि, 1971 में फिर कांग्रेस ने यहां वापसी की. लेकिन 1977 में चली सरकार विरोधी लहर में कांग्रेस की करारी शिकस्त मिली.
1980 और 1984 के चुनाव में कांग्रेस ने एक बार फिर यहां से बड़ी जीत हासिल की, लेकिन उसके बाद कांग्रेस यहां कभी वापसी नहीं कर पाई.
संजय गांधी की मौत के बाद गांधी परिवार से अलग हुई मेनका ने 1989 में जनता दल के टिकट पर यहां से चुनाव लड़ा और जीता. लेकिन दो साल बाद हुए चुनाव में ही बीजेपी ने यहां से जीत हासिल की.
उसके बाद 1996 से 2004 तक मेनका गांधी ने लगातार चार बार यहां से चुनाव जीता, इनमें दो बार निर्दलीय और 2004 में बीजेपी के टिकट से चुनाव में जीत हासिल की थी. 2009 में मेनका गांधी ने अपने बेटे वरुण गांधी के लिए ये सीट छोड़ी और वरुण यहां से सांसद चुने गए. लेकिन 2014 में एक बार फिर वह यहां वापस आईं और छठीं बार यहां से सांसद चुनी गई.
पीलीभीत लोकसभा संसदीय क्षेत्र में कुल मतदाता
पीलीभीत लोकसभा क्षेत्र में हिंदू वोटरों के साथ-साथ मुस्लिम वोटरों का भी खास प्रभाव है. पीलीभीत जिले में करीब 30 फीसदी मुस्लिम नागरिक हैं, ऐसे में मुस्लिम वोटों को अनदेखा ठीक नहीं होगा. 2014 के चुनाव के अनुसार इस सीट पर 16 लाख से अधिक वोटर हैं, जिनमें 9 लाख पुरुष और 7 लाख से अधिक महिला मतदाता हैं.
इस क्षेत्र में कुल 5 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें बहेड़ी, पीलीभीत, बड़खेड़ा, पूरनपुर और बिसालपुर शामिल हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में इन सभी पांच सीटों पर बीजेपी ने ही बाजी मारी थी.
2014 लोकसभा चुनाव में पीलीभीत सीट पर क्या था जनता का मिजाज
पिछले लोकसभा चुनाव में यहां मोदी लहर का असर साफ देखने को मिला था. मेनका गांधी को 51 फीसदी से भी अधिक वोट मिले और उन्होंने एकतरफा जीत हासिल की. 2014 के चुनाव में मेनका गांधी को 52.1% और उनके विरोधी समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार को 22.8% वोट हासिल हुए थे. 2014 में इस सीट पर कुल 62.9% मतदान हुआ था.
पीलीभीत लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली विधानसभा सीट
पीलीभीत लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत बहेड़ी, बरखेड़ा, बीसलपुर, पीलीभीत और पूरनपूर विधानसभा आती हैं.
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पीलीभीत शहर क्यों है खास
पीलीभीत उत्तर प्रदेश का लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है. ऐसा कहा जाता है कि पीलीभीत की मिट्टी पीली होने के कारण यहां का नाम पीलीभीत रखा गया है. इसे बरेली से अलग कर 1879 में एक अलग जिला बनाया गया था. यहां से मेनका गांधी 6 बार सांसद बन चुकी हैं.
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