विक्रमजीत सिंह साहनी ने आउटरीच कार्यक्रम को बताया सफल, बोले - 'आतंकवाद के खिलाफ भारत का नजरिया साफ'

विक्रमजीत सिंह साहनी ने आउटरीच कार्यक्रम को बताया सफल, बोले - 'आतंकवाद के खिलाफ भारत का नजरिया साफ'

विक्रमजीत सिंह साहनी ने आउटरीच कार्यक्रम को बताया सफल, बोले - 'आतंकवाद के खिलाफ भारत का नजरिया साफ'

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IANS
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विक्रमजीत सिंह साहनी ने आउटरीच कार्यक्रम को बताया सफल, बोले- 'आतंकवाद के खिलाफ भारत का नजरिया साफ'

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 6 जून (आईएएनएस)। आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी ऑपरेशन सिंदूर आउटरीच कार्यक्रम के तहत चार देशों कतर, दक्षिण अफ्रीका, इथियोपिया और मिस्र की अपनी यात्रा पूरी कर देश लौट आए हैं। दिल्ली के बंगला साहिब गुरुद्वारे में मात्था टेकने के बाद समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान उन्होंने अपनी इस यात्रा को सफल बताया।

विक्रमजीत सिंह साहनी ने बताया कि उनकी यात्रा का मुख्य उद्देश्य ऑपरेशन सिंदूर के बारे में इन देशों की सरकारों को विस्तृत जानकारी देना था। इस दौरान जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुई हालिया आतंकी घटना के बारे में भी इन देशों को अवगत कराया और भारत की स्थिति को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत किया। हमारी यात्रा ने न केवल इन देशों के साथ भारत के कूटनीतिक संबंधों को मजबूत किया, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृष्टिकोण को भी प्रभावी ढंग से सामने रखा।

सांसद ने कतर की राजधानी दोहा और मिस्र में वहां की सरकारों और अधिकारियों के साथ अपनी बैठकों को रचनात्मक बताया। उन्होंने कहा कि इन मुलाकातों में भारत की ओर से आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति और क्षेत्रीय शांति के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर जोर दिया गया। इसके अलावा, दक्षिण अफ्रीका और इथियोपिया के साथ भारत के ऐतिहासिक संबंधों को और गहरा करने पर भी चर्चा हुई।

इसके साथ ही, साहनी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के बीच फोन पर हुई बातचीत का स्वागत किया। उन्होंने कहा, “कनाडा के साथ भारत के पुराने और गहरे संबंध रहे हैं। हाल के वर्षों में कुछ मतभेद जरूर उभरे, लेकिन जी7 शिखर सम्मेलन में होने वाली दोनों नेताओं की मुलाकात रिश्तों को फिर से मजबूत करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।”

विक्रमजीत सिंह साहनी ने कहा कि कोई भी देश भारत जैसे विशाल और विविधतापूर्ण देश से दूरी नहीं बना सकता। भारत और कनाडा के बीच नई सरकारों के गठन के बाद पहले की तरह ही मजबूत साझेदारी बनेगी। पिछले 10 वर्षों में भारत ने वैश्विक मंच पर अपनी स्थिति को मजबूत किया है और कनाडा के साथ हमारी साझेदारी को और बेहतर करने की अपार संभावनाएं हैं।

--आईएएनएस

एकेएस/एकेजे

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