विजय रुपाणी के शव वाहन को सजाने वाले हेमंत बोले, 'हम उन्हें सम्मानजनक विदाई देना चाहते हैं'

विजय रुपाणी के शव वाहन को सजाने वाले हेमंत बोले, 'हम उन्हें सम्मानजनक विदाई देना चाहते हैं'

विजय रुपाणी के शव वाहन को सजाने वाले हेमंत बोले, 'हम उन्हें सम्मानजनक विदाई देना चाहते हैं'

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IANS
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Former Gujarat CM Vijay Rupani killed in Air India plane crash in Ahmedabad

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

राजकोट, 16 जून (आईएएनएस)। गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का आज राजकोट में अंतिम संस्कार होगा। उनके निधन से शहर शोक में डूबा है। लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने और अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए जुट रहे हैं। प्रदेश के पूर्व सीएम को भावपूर्ण विदाई देने की तैयारी की जा रही है।

उनके शव वाहन को सजाने का काम हेमंत शुकानगढ़ और उनकी टीम कर रही है। हेमंत ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में बताया कि यह उनके लिए दुखद क्षण है, लेकिन वे विजय भाई को सम्मानजनक विदाई देना चाहते हैं।

उनके मुताबिक, शव वाहन को सजाने के लिए ऊटी, मध्य प्रदेश, पुणे और विदेशों से फूल मंगवाए गए हैं। करीब आधा टन फूलों का इस्तेमाल किया गया है, जिसमें कई तरह की फूलों की किस्में शामिल हैं। 15-20 लोग रविवार दोपहर से इस काम में जुटे हैं।

हेमंत ने कहा, “विजय भाई का निधन गुजरात और पूरे देश के लिए बड़ी क्षति है। हम उनके लिए दिल से श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि अंतिम यात्रा शाम 5 बजे शुरू होगी, जो ग्रीन लाइन चौकड़ी से पार्वती चौक, अपोजिट ट्रस्ट, और महादेव मंदिर होते हुए रामनाथपुरा पहुंचेगी। यह यात्रा करीब 10 किलोमीटर की होगी और लगभग डेढ़ घंटे में पूरी होगी। रास्ते में लोग विजय रूपाणी को श्रद्धांजलि देंगे।

हेमंत ने कहा, “यह सिर्फ एक रूट नहीं, बल्कि विजय भाई की जीवन यात्रा है। उन्होंने हर कदम पर समाज के लिए काम किया और अपनी छाप छोड़ी। विजय रूपाणी का जीवन समाज सेवा को समर्पित था।”

उन्होंने बताया, “विजय भाई ने 50 साल तक देश, राज्य और शहर के लिए काम किया। उनकी सादगी और समर्पण नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा है। उनके ट्रस्ट के जरिए समाज सेवा उनकी जिंदगी का मकसद था। शहरवासी उन्हें एक सच्चे जनसेवक के रूप में याद कर रहे हैं। लोग कहते हैं कि विजय भाई का जाना निजी नुकसान जैसा है। उनकी अंतिम यात्रा में हजारों लोग शामिल होंगे। गुजरात के इस सपूत ने अपने कार्यों से राजकोट को नई पहचान दी, और उनकी यादें हमेशा लोगों के दिलों में रहेंगी।”

--आईएएनएस

एसएचके/केआर

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डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

      
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