नई दिल्ली, 19 जून (आईएएनएस)। चुनाव आयोग ने गुरुवार को चार राज्यों की पांच विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में कई ऐतिहासिक पहलों की शुरुआत की, जो भविष्य में चुनावों में अधिक पारदर्शिता लाने और मतदाताओं के अनुभव को बेहतर बनाने की नींव साबित होंगी।
गुजरात की काडी और विसावदर, पंजाब की लुधियाना पश्चिम, केरल की नीलांबुर और पश्चिम बंगाल की कालीगंज विधानसभा सीटों पर गुरुवार को वोट डाले गए। चुनाव आयोग ने बताया कि इन चुनावों में पहली बार मतदाताओं के लिए मोबाइल डिपॉजिट सुविधा की शुरुआत की गई है। मोबाइल फोन लोगों के जीवन का अहम हिस्सा बन चुके हैं और मोबाइल लेकर मतदान केंद्र पर जाने की मनाही से ऐसे लोगों को वोट डालने में परेशानी हो रही थी जो ऑफिस या काम पर निकलते समय वोट डालने की इच्छा रखते थे।
आयोग ने बताया कि महिलाओं, बुजुर्गों और विकलांग लोगों को भी मोबाइल फोन रखने में परेशानी होती थी। वॉलंटियर्स की मदद से हर मतदान केंद्र के बाहर मोबाइल फोन रखने की व्यवस्था की गई थी।
दूसरा बदलाव वोटर टर्नआउट के अपडेशन से संबंधित है। इसमें सुधार किया गया है। पिछले कुछ चुनावों में मतदान समाप्त होने के बाद मतदान के अंतिम आंकड़े जारी करने में हुई घंटों की देरी को लेकर चुनाव आयोग को काफी आलोचना झेलनी पड़ी थी और उस पर पक्षपात के आरोप लगे थे। कई मौकों पर मतदान के अगले दिन भी ये आंकड़े जारी होते थे।
आयोग ने बताया कि अपग्रेडेड वोटर टर्नआउट शेयर करने की प्रक्रिया के बाद अब पीठासीन अधिकारी मतदान केंद्र छोड़ने से पहले अंतिम आंकड़े ऐप में अपडेट कर सकेंगे।
निर्वाचन आयोग ने बताया कि गुरुवार को हुए चुनावों में पहली बार सभी मतदान केंद्रों की शत-प्रतिशत वेबकास्टिंग की गई। पूरी वेबकास्टिंग की अधिकारियों द्वारा निगरानी भी की गई। रिटर्निंग अधिकारी, जिला निर्वाचन अधिकारी और राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों ने पूरी मतदान प्रक्रिया की निगरानी की।
--आईएएनएस
एकेजे/डीएससी
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.