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(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
नई दिल्ली, 4 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने नई दिल्ली स्थित मानेकशॉ सेंटर में विदेशी सैन्य अताशे से सीधा संवाद किया। भारतीय सेना द्वारा आयोजित इस वार्षिक विदेशी सेवा सैन्य अताशे ब्रीफिंग में 53 देशों के 67 रक्षा अताशे शामिल हुए। इस संवाद का उद्देश्य समकालीन वैश्विक शांति एवं सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर विचार-विमर्श करना और इस विषय पर भारत के दृष्टिकोण को साझा करना था।
इस अवसर पर विदेशी रक्षा अताशे को ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के अंतर्गत रक्षा क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों और स्वदेशी रक्षा उत्पादन क्षमता की जानकारी भी दी गई। सेना प्रमुख ने इस दौरान क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर उभर रही चुनौतियों, भारत की सुरक्षा दृष्टि और भारतीय सेना की रणनीतिक प्राथमिकताओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने यह रेखांकित किया कि भारत केवल अपनी सीमाओं की सुरक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि वैश्विक शांति, स्थिरता और सहयोग को बढ़ावा देने में भी सक्रिय भूमिका निभा रहा है।
भारतीय सेना का मानना है कि यह संवाद विभिन्न देशों के साथ आपसी समझ, विश्वास और सहयोग को और मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम है। इस तरह वार्षिक विदेशी सेवा सैन्य अताशे ब्रीफिंग ने भारत की रक्षा कूटनीति को नई दिशा दी और वैश्विक साझेदारी व शांति के साझा संकल्प को सशक्त बनाया।
इस आयोजन के दौरान थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी को लेफ्टिनेंट जनरल वाई.के. जोशी (सेवानिवृत्त) द्वारा लिखित पुस्तक भी भेंट की गई। यह पुस्तक एक प्रेरणादायक संस्मरण है, जिसमें कारगिल युद्ध के नायक लेफ्टिनेंट जनरल जोशी ने अपने सैन्य जीवन, नेतृत्व की चुनौतियों और सैनिक जीवन के त्याग को विस्तार से वर्णित किया है। इसमें विशेष रूप से कारगिल युद्ध में निभाई गई भूमिका और भारतीय सेना की कार्यप्रणाली एवं मनोभावों की गहन झलक प्रस्तुत की गई है। यह संस्मरण न केवल भारतीय सेना की वीरता और समर्पण का प्रतीक है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है।
--आईएएनएस
जीसीबी/डीएससी
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