Nobel Peace Prize 2025: कौन हैं मारिया कोरिना मचाडो, जिन्होंने जीता नोबेल शांति पुरस्कार

इस साल का प्रतिष्ठित पुरस्कार वेनेजुएला की मारिया कोरिना मचाडो को मिला है. उन्हें ‘वेनेज़ुएला की आयरन लेडी’ कहा जाता है. उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को पछाड़ते हुए यह सम्मान अपने नाम किया.

author-image
Deepak Kumar
New Update

इस साल का प्रतिष्ठित पुरस्कार वेनेजुएला की मारिया कोरिना मचाडो को मिला है. उन्हें ‘वेनेज़ुएला की आयरन लेडी’ कहा जाता है. उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को पछाड़ते हुए यह सम्मान अपने नाम किया.

Maria Corina Machado: वर्ष 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार वेनेजुएला की जानी-मानी नेता मारिया कोरिना मचाडो को मिला है. नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में नोबेल समिति ने उनके नाम की घोषणा की. उन्हें यह सम्मान शांति स्थापना, लोकतंत्र की रक्षा और वैश्विक संघर्षों को कम करने में उनके योगदान के लिए दिया गया है. आपको बता दें कि इस बार यह सम्मान पाने की दौड़ में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी शामिल थे, लेकिन कमेटी ने मचाडो को चुना. तो आइए विस्तार में जानते हैं मारिया मचाडो के बारे में.

Advertisment

लोकतंत्र की लड़ाई की प्रतीक बनीं मचाडो

58 वर्षीय मारिया कोरिना मचाडो इंजीनियर और वेनेज़ुएला की विपक्षी नेता हैं. वेनेज़ुएला में लंबे समय से वे लोकतंत्र और स्वतंत्रता की आवाज बन चुकी हैं. उन्हें ‘आयरन लेडी ऑफ वेनेज़ुएला’ के नाम से भी जाना जाता है. मचाडो ने ऐसे समय में लोकतंत्र की लड़ाई लड़ी, जब देश में तानाशाही हावी थी. उन्होंने निडर होकर नागरिक अधिकारों की रक्षा की और विपक्ष को एकजुट किया.

लोकसेवा की शुरुआत और एटेनिया फाउंडेशन

बता दें कि मारिया कोरिना मचाडो ने 1992 में एटेनिया फाउंडेशन (Atenea Foundation) की स्थापना की थी. यह संस्था राजधानी कराकास में बेघर और जरूरतमंद बच्चों की शिक्षा व कल्याण के लिए काम करती है. इसी फाउंडेशन से उन्होंने सामाजिक कार्यों के जरिए लोगों के बीच अपनी पहचान बनाई.

सुमाते संगठन और लोकतंत्र की जड़ें

2002 में मचाडो ने सुमाते (Sumate) नामक संगठन की सह-स्थापना की, जो स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों की निगरानी करता है. 2010 में वह नेशनल असेंबली की सदस्य चुनी गईं, लेकिन 2014 में सरकार की नीतियों का विरोध करने पर उन्हें पद से हटा दिया गया. इसके बावजूद उन्होंने लोकतंत्र की आवाज बुलंद रखी और शांति के मार्ग पर संघर्ष जारी रखा.

वेंटे वेनेजुएला की प्रमुख नेता

मचाडो वेंटे वेनेज़ुएला (Vente Venezuela) पार्टी की प्रमुख नेता हैं. 2017 में उन्होंने सोय वेनेज़ुएला (Soy Venezuela) नामक गठबंधन बनाया, जिसने लोकतंत्र समर्थक समूहों को एक मंच पर लाने का काम किया. 2024 के चुनाव में सरकार ने उन्हें चुनाव लड़ने से रोका, लेकिन उन्होंने विपक्षी उम्मीदवार एडमंडो गोंजालेज उरुतिया का समर्थन किया और देश में बदलाव की लहर बनाए रखी.

नोबेल समिति ने की सराहना

नोबेल समिति ने अपने बयान में कहा कि मचाडो ने साबित किया है कि लोकतंत्र केवल मतदान नहीं, बल्कि सत्य और स्वतंत्रता की निरंतर रक्षा है. उन्होंने अहिंसक आंदोलनों और संवाद की संस्कृति को मजबूत किया है. उनके साहस और नेतृत्व ने न सिर्फ वेनेज़ुएला, बल्कि पूरे लैटिन अमेरिका में लोकतंत्र के लिए नई उम्मीद की किरण जगाई है.

यह भी पढ़ें- Nobel Prize: लाखों कोशिशों के बाद भी डोनाल्ड ट्रंप को नहीं मिला नोबेल पुरस्कार, आठ-आठ युद्ध रुकवाने का कर चुके हैं दावा

Maria Corina Machado Noble Peace Prize Maria Corina Machado Nobel Peace Prize 2025 International news in Hindi International News World News Hindi World News
Advertisment