Putin India Visit: कई लोगों के जहन में ये सवाल जरूर आता होगा कि आखिर 21 तोपों की सलामी क्यों दी जाती है. भारत में किन किन लोगों को दी जाती है और इसके पीछे का इतिहास क्या है? तो चलिए बताते हैं.
Putin India Visit: भारत दौरे पर आए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की. इस मौके पर उन्हें परंपरागत 21 तोपों की सलामी दी गई. अक्सर लोगों के मन में सवाल उठता है कि आखिर 21 तोपों की सलामी क्यों दी जाती है, किसे दी जाती है और इसके पीछे की कहानी क्या है, आइए इसे सरल भाषा में समझते हैं.
भारत में 21 तोपों की सलामी का मतलब
देश में गणतंत्र दिवस हो, स्वतंत्रता दिवस हो या कोई विशेष राज्य समारोह, इन सभी अवसरों पर 21 तोपों की सलामी दी जाती है. यह सर्वोच्च औपचारिक सम्मान माना जाता है.
भारत में यह परंपरा लगभग 150 साल पुरानी है और अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही है. ब्रिटिश काल में विभिन्न पदों के लिए सलामी की अलग-अलग संख्या तय थी:
- 101 तोपें – ब्रिटेन के राजा या भारत के महाराज
- 31 तोपें – रानी, शाही परिवार, वॉयसराय, गवर्नर जनरल
- 21 तोपें – विदेशी राष्ट्राध्यक्ष और उनके परिवार के सदस्य
- 19 तोपें – सरकार प्रमुख, उच्च राजनयिक अधिकारी
- 17 तोपें – तत्कालीन बंबई, मद्रास और बंगाल प्रांतों के गवर्नर तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी
आजादी के बाद यह परंपरा बदली, लेकिन 21 तोपों की सलामी राजकीय सम्मान के तौर पर जारी रही. महात्मा गांधी के अंतिम संस्कार में भी यही सम्मान दिया गया था. बाद में प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, लोकसभा अध्यक्ष, राज्यसभा के उपसभापति सहित अनेक संवैधानिक पदों पर यह सम्मान तय किया गया. राज्यों में राज्यपाल, मुख्यमंत्री और मंत्रियों के अंतिम संस्कार में भी राजकीय सम्मान दिया जाता है.
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