Uttarkashi Cloudburst: धराली में देश का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, कई टीमें बचाव अभियान में जुटी

धराली में देश का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. एनडीआरएफ, आर्मी, आईटीबीपी और एयरफोर्स की टीमें मिलकर फंसे लोगों को बचाने में जुटी हैं. हेलीपैड और एयरलिफ्ट के जरिए राहत सामग्री और टीमों को मौके पर पहुंचाया जा रहा है.

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Dheeraj Sharma
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धराली में देश का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. एनडीआरएफ, आर्मी, आईटीबीपी और एयरफोर्स की टीमें मिलकर फंसे लोगों को बचाने में जुटी हैं. हेलीपैड और एयरलिफ्ट के जरिए राहत सामग्री और टीमों को मौके पर पहुंचाया जा रहा है.

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली में इस वक्त देश का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. यहां की भौगोलिक स्थिति बेहद चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि यह चीन की सीमा के पास है. इसी वजह से यहां पहले से इंडो-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और इंडियन आर्मी की पोस्ट मौजूद है. फिलहाल एनडीआरएफ की चार टीमें धराली में तैनात हैं, जबकि कुल 18 टीमें उत्तराखंड के अलग-अलग इलाकों में मानसून डिप्लॉयमेंट के तहत मौजूद हैं.

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एयरलिफ्ट और हेलीपैड से बचाव

धराली में कई हेलीपैड सक्रिय हैं, जिनसे रेस्क्यू टीम और राहत सामग्री ग्राउंड जीरो तक पहुंचाई जा रही है. मौसम और भूस्खलन के कारण कई सड़कें बंद हैं, इसलिए एयरलिफ्ट का सहारा लिया जा रहा है. हर्षिल हेलीपैड सबसे नजदीकी है, जहां से टीमों को भेजा और घायलों को लाया जा रहा है. बड़े-बड़े बोल्डर्स हटाने के लिए हैवी मशीनरी भी मौके पर तैनात है.

आधुनिक उपकरण और डॉग स्क्वॉड की मदद

एनडीआरएफ की टीमें पूरी तरह सुसज्जित हैं. उनके पास ब्रीचिंग टूल्स, कटिंग टूल्स, लाइव डिटेक्टर, एयर लाइटिंग सिस्टम और रेस्क्यू रोप्स हैं, जिससे 24 घंटे बिना रुके काम किया जा सके. साथ ही, कैनाइन यूनिट (डॉग स्क्वॉड) भी तैनात है, जो मलबे में फंसे लोगों या शवों की तलाश में मदद कर रही है.

ऑपरेशन में आने वाली चुनौतियां

बारिश और भूस्खलन के कारण रास्ते बाधित हैं, जिससे जमीनी मूवमेंट धीमा हो जाता है. कई जगहों पर भारी बोल्डर्स हटाना बेहद मुश्किल है. इसके अलावा, खराब मौसम भी ऑपरेशन में रुकावट डाल सकता है. फिर भी, फिलहाल मौसम अनुकूल होने से राहत कार्य में तेजी आई है.

गुमशुदा लोगों की तलाश

अधिकारियों के मुताबिक, करीब 50 लोग अभी भी लापता हैं. 72 घंटे के भीतर बचाव बेहद जरूरी है, क्योंकि इसके बाद जीवित बचने की संभावना कम हो जाती है. जहां मलबे में लोगों के फंसे होने की आशंका है, वहां मैनुअल तरीके से और बाकी जगह मशीनरी से काम किया जा रहा है.

युद्धस्तर पर चल रहा रेस्क्यू

इस पूरे ऑपरेशन में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, इंडियन आर्मी, आईटीबीपी और एयरफोर्स मिलकर काम कर रही हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और गृह मंत्री अमित शाह खुद स्थिति पर नजर रखे हुए हैं. एनडीआरएफ के डीजी और वरिष्ठ अधिकारी मौके पर जाकर समीक्षा कर रहे हैं. स्थानीय लोग भी बचाव कार्य में सहयोग कर रहे हैं.

धराली में यह रेस्क्यू ऑपरेशन आने वाले दिनों में भी जारी रह सकता है, क्योंकि प्रभावित क्षेत्र बड़ा है और काम बेहद चुनौतीपूर्ण है. मौजूदा गति को देखते हुए उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में राहत कार्य और तेज होगा.

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