नोएडा के आरटीओ ऑफिस में बिना पैसे के काम नहीं होता. इसका खुलासा उस वक्त हुआ, जब टैक्सी चालक परमिट के 10 हजार रुपये जमा करने पहुंचे तो दफ्तर में उनसे 25 हजार रुपये मांगे गए. आरटीओ ऑफिस में यह भ्रष्टाचार का पहला मामला नहीं है.
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