Updated : 30 September 2020, 03:14 PM
बाबरी विध्वंस केस (babri demolitioncase) में सीबीआई की विशेष अदालत ने अहम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने इस मामले में माना कि घटना पूर्व नियोजित नहीं थी. कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया. कोर्ट का फैसला 28 साल बाद आया है. जज एसके यादव ने कहा कि 1992 को जो कुछ हुआ पूर्व नियोजित नहीं थी. जज ने कहा घटना सुनियोजित नही थी,अचानक से घटना हुई. आवेश में घटना को अंजाम दिया गया. कोर्ट ने फैसले में कहा कि लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती जैसे नेताओं ने भीड़ पर काबू करने की कोशिश की.#BabriMasjidDemolitionVerdict #Uttarpradeshnews #CBIspecialcourt