मंडल आयुक्त ने सरकार से सिफारिश की है. डिटेंशन सेंटर में केंद्रीय सुरक्षा बल की ही तैनाती. बड़ी खबर आपको बता रहे हैं।
यूपी में घुसपैठियों के लिए डिटेंशन सेंटर का मॉडल सामने आया है. डिटेंशन सेंटर डेमो में सुरक्षा की चाकचौबंद व्यवस्था. डिटेंशन सेंटर में बायोमेट्रिक सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था है. 15,000 लोगों की क्षमता का डिटेंशन सेंटर डेमो तैयार किया है. मंडल आयुक्त ने सरकार से सिफारिश की है. डिटेंशन सेंटर में केंद्रीय सुरक्षा बल की ही तैनाती. बड़ी खबर आपको बता रहे हैं. डिटेंशन सेंटर यहां पर बनाए गए हैं. इसका डेमो मॉडल है वो सामने आया. किस प्रकार का जो यह डिटेंशन मॉडल है वह देखने को मिलेगा.
15,000 अवैध घुसपैठियों को रखने की तैयारी
मंडलायुक्त ने सरकार से सिफारिश की है. उत्तर प्रदेश में अवैध बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं के लिए डिटेंशन सेंटर बनाने की जो प्रक्रिया है बहुत जल्द शुरू होने वाली है. दरअसल सरकार के पास एक प्रस्ताव आया है. डिटेंशन सेंटर बनाने का. उसका डेमो आया है और सरकार ने उस डेमो को गृह विभाग के पास भेज दिया है. जैसे ही उस डेमो को फाइनल किया जाएगा. उसके बाद प्रदेश के सभी मंडलों पर यानी कि मंडल मुख्यालय पर डिटेंशन सेंटर बनाने का जो काम होगा वो शुरू हो जाएगा. सरकार के पास जो डेमो आया है यानी कि जो प्रस्ताव आया है डिटेंशन सेंटर को लेकर उसके मुताबिक एक डिटेंशन सेंटर में तकरीबन 15,000 अवैध घुसपैठियों को रखने की तैयारी है.
डिटेंशन सेंटर बनाने का निर्देश जारी किया
सुरक्षा के तीन लेयर वहां पर होंगे और जो सुरक्षा की पूरी कमान होगी. वह केंद्रीय सुरक्षा बल के पास होगी. एक डिटेंशन सेंटर में 50 जो सुरक्षाकर्मी होंगे यानी कि केंद्रीय सुरक्षा बल के जो जवान होंगे उनको तैनात किया जाएगा. गौरतलब है कि हाल ही में योगी सरकार ने सभी मंडलों में डिटेंशन सेंटर बनाने का निर्देश जारी किया था. हालांकि इस वक्त पूरे प्रदेश में अवैध घुसपैठियों की पहचान जारी है. एक अभियान चलाकर खासतौर पर जो झुग्गी झोपड़ियों में लोग रह रहे हैं, उनकी पहचान की जा रही है. क्योंकि देखा जाए तो जो अवैध घुसपैठ है वो इस वक्त उत्तर प्रदेश में एक गंभीर समस्या बन चुका है और यही वजह है कि सरकार को इतना कड़ा और बड़ा फैसला लेना पड़ा.
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