Ukraine Russia Peace Talks: NATO की जिद छोड़ अब Zelensky ने Trump के सामने क्या शर्त रखी?

Ukraine Russia Peace Talks: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विशेष दूत इस समय रूस यूक्रेन वार्ता को आगे बढ़ाने में जुटे हैं. जेलस्की ने साफ कहा है कि यूक्रेन हर योजना में समझौते को तैयार है.

author-image
Mohit Saxena
New Update

Ukraine Russia Peace Talks: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विशेष दूत इस समय रूस यूक्रेन वार्ता को आगे बढ़ाने में जुटे हैं. जेलस्की ने साफ कहा है कि यूक्रेन हर योजना में समझौते को तैयार है.

Ukraine Russia Peace Talks:  रूस यूक्रेन युद्ध को खत्म करने की कोशिशों के बीच कीव से बड़ा संकेत सामने आया है. यूक्रेन के राष्ट्रपति ब्लादीमीर जेलस्की अब नाटो की जिद छोड़ने को तैयार दिख रहे हैं. यह वही मुद्दा है जिसे रूस इस युद्ध का जड़ बताता रहा है. मास्को की सबसे बड़ी शर्त यूक्रेन का नाटो में शामिल न होना ही रहा है. जेलस्की का यह बयान ऐसे वक्त आया है जब अमेरिका की ओर से शांति समझौते की कोशिशें तेज हो गई है.

Advertisment

नाटो को लेकर भी लचीलापन दिखाया जा सकता है

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विशेष दूत इस समय रूस यूक्रेन वार्ता को आगे बढ़ाने में जुटे हैं. जेलस्की ने साफ कहा है कि यूक्रेन हर योजना में समझौते को तैयार है. उन्होंने कहा कि नाटो को लेकर भी लचीलापन दिखाया जा सकता है. लेकिन इसके बदले यूक्रेन एक ठोस मांग रख रहा है. जेलस्की चाहते हैं कि अमेरिका और यूरोप यूक्रेन की सुरक्षा की   गारंटी दे. जेलस्की के मुताबिक यह सुरक्षा गारंटी नाटो के अनुच्छेद पांच जैसी होनी चाहिए. यानी अगर यूक्रेन पर हमला हो तो उसे अकेला ना छोड़ा जाए. उन्होंने कहा कि हम अमेरिका के साथ द्विपक्षीय सुरक्षा समझौतों पर बात कर रहे हैं. यह यूक्रेन के भविष्य के लिए जरूरी है. यह बयान अपने आप में बड़ा बदलाव है.

अपनी सुरक्षा की गारंटी मानता रहा है

अब तक यूक्रेन नाटो सदस्यता को अपनी सुरक्षा की गारंटी मानता रहा है. रूस की नाराजगी के बावजूद भी पीछे हटने को तैयार नहीं था. नाटो एक ऐसा सैन्य संगठन है जहां एक देश पर हमला सभी पर हमला माना जाता है. यही बात रूस को सबसे ज्यादा खटक रही है. दूसरी ओर अमेरिका की भूमिका भी चर्चा में है. डोनाल्ड ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकफ और जेरेड कुशनर इस मुद्दे पर सक्रिय हैं. खबरों के मुताबिक अमेरिकी पक्ष यूक्रेन पर दबाव डाल रहा है कि वह कुछ फ्रंट लाइन इलाकों पर समझौता करें. यानी जमीन के बदले शांति का फार्मूला. हालांकि रूस का रुख अब भी सख्त है. मास्को का कहना है कि यूक्रेन और यूरोप दोनों के प्रस्ताव खारिज करेगा. 

ukraine russia
Advertisment