अयोध्या में विवादित ढांचे के अंदर सबसे पहले एंट्री करने वाला शख्स एक सिख था, जिसने 1858 में अंदरुनी हिस्से में झंडा भी लहराया था. अयोध्या मामले की सुनवाई के 31वें दिन आज ज़फरयाब जिलानी की जिरह के दौरान संविधान पीठ को ये बताया गया. दरअसल जस्टिस एस ए बोबड़े ने जिलानी से मस्जिद के अंदर हिंदुओ के घुसने और पूजा करने के दावे पर सवाल किए. जस्टिस बोबड़े ने जिलानी से पूछा कि क्या मस्जिद बनने बाद 1855 से पहले हिंदुओं ने बाउंड्री के अंदर जाकर पूजा करने की कोशिश की