मोहम्मद रफी ने अपने सुरो का सफर तो मुंबई में साल 1944 में शुरु कर दिया था. लेकिन उनकी ज़िंदगी का सफ़र अमृतसफर के गांव कोटला सुलतान सिंह से शुरु हुआ था. इन गलियों में आज भी रफ़ी के गानों के तराने आज भी घुमते हैं. देखिए VIDEO
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