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50 की दशक में जैसे चंबल में बागियों की बाढ़ आ गई. मान सिंह, रुपा, लाखन, सुलताना जैसे डाकूओं घाटी थर-थर कांप रही थी. लेकिन 60 का दशक शुरु होते ही इऩमे से ज्यादातर डाकू पुलिस की गोलियों का शिकार हो चुके थे. बीहड़ में एक तरह का सन्नाटा सा छाने लगा और तभी डाकूओं का एक सबसे बड़ा गिरोह सामने आया. देखिए VIDEO
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