साल 1947 में जब आजाद भारत ने आंखे खोली तब उसके सामने उम्मीदों का सवेरा भी था और बंटवारे के दंश का काला साया भी.भारत चुनौतियों से भरे सफर का आगाज करने के लिए तैयार था. चुनौतिया सामाजिक भी थी और आर्थिक भी थी.
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