सपा नेता आजम खान को 23 महीने बाद सीतापुर जेल से रिहा कर दिया गया. जेल के बाहर उनके दोनों बेटे और भारी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे. आजम खान पर 100 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें 72 मामलों में उन्हें जमानत मिल चुकी है.
समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खान को आखिरकार 23 महीने बाद सीतापुर जेल से रिहा कर दिया गया. जानकारी के मुताबिक, मंगलवार (23 सितंबर) सुबह 9 बजे ही उनकी रिहाई होनी थी, लेकिन कागजी कार्रवाई और जुर्माना भरने में देरी की वजह से यह प्रक्रिया विलंब से पूरी हो सकी.
आपको बता दें कि आजम खान को लेने के लिए उनके दोनों बेटे जेल पहुंचे. जैसे ही वह जेल से बाहर आए, भारी संख्या में उनके कार्यकर्ता वहां मौजूद थे. समर्थकों ने जोरदार स्वागत किया. भीड़ इतनी ज्यादा थी कि कई गाड़ियों को नो पार्किंग जोन में खड़ा करने पर पुलिस ने चालान भी काटा.
जुर्माने की वजह से देरी
आजम खान की रिहाई में सबसे बड़ा अड़ंगा ₹6000 के जुर्माने का था. जब यह रकम समय पर जमा नहीं हुई तो उनकी रिहाई पर रोक लग गई. बाद में उनके रिश्तेदार फरहान उल्ला खान ने कोर्ट खुलते ही यह जुर्माना भरा और ईमेल के जरिए सूचना जेल प्रशासन को भेजी. इसके बाद रिहाई की प्रक्रिया शुरू हुई और आजम खान को बाहर जाने की अनुमति मिली.
मुकदमों की लंबी सूची
गौरतलब है कि आजम खान पर 105 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं. इनमें से 72 मामलों में उन्हें जमानत मिल चुकी है. हाल ही में हाई कोर्ट ने उन्हें बार कब्जे से जुड़े एक मामले में जमानत दी थी. हालांकि उसी दौरान पुलिस ने शत्रु संपत्ति से जुड़े मुकदमे में नई धाराएं जोड़ दी थीं. इस वजह से उनकी रिहाई कुछ दिनों तक अटकी रही.
रिहाई का रास्ता साफ
20 सितंबर को रामपुर कोर्ट ने इन नई धाराओं को खारिज कर दिया. इसके बाद आखिरी मामले में भी जमानत मिल गई और आजम खान की रिहाई का रास्ता साफ हो गया.
आजम खान जैसे ही जेल से निकले, कार्यकर्ताओं और समर्थकों की भीड़ ने उनका स्वागत किया. दोनों बेटों के साथ वह जेल से रवाना हुए. 23 महीने की लंबी कैद के बाद यह रिहाई सपा और उनके समर्थकों के लिए बड़ी राहत की खबर है.
यह भी पढ़ें- अखिलेश के राज में आजम खां के चाबुक से चलती थी सत्ता की लगाम: केशव प्रसाद मौर्या
यह भी पढ़ें- इलाहाबाद हाईकोर्ट से अब्दुल्ला आजम खान को बड़ा झटका, दो याचिकाएं खारिज