राजनीति दल जातियों के आधार पर सियासत करते हैं. 1931 के बाद से जब भी जातियों की गणना हुई तो जातियों की गिनती नहीं हुई. एनपीआर में जातियों की गिनती करने की मांग की जा रही है. सबसे बड़ा मुद्दा में देखिए 'जातियों का सियासी जुगाड़'
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