मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हसन ने अपने बयान में ये भी कहा कि अगर सब्र की सीमा देखनी है तो हिंदुस्तानी मुसलमानों की देखिए, 1947 के बाद वर्ष 2020 तक यह सब्र है जो मुसलमान कर रहे हैं, कभी कोशिश नहीं की कि हिंदुस्तान टूट जाए, वरना रोक नहीं पाएंगे.
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