2025 में रूस की कुल आबादी 14.30 करोड़ है. वहीं जनसंख्या में करीब 2.14 करोड़ से ज्यादा लोग मुस्लिम माने जा रहे हैं.
क्या आप जानते हैं कि रूस में बड़ा बदलाव हो रहा है? आबादी में मुस्लिमों की जनसंख्या तेजी से बढ़ी है. इस्लाम यहां पर तेजी से पांव पसार रहा है. उसकी आबादी ने पूरी दुनिया का ध्यान खींच लिया है. 2025 में रूस की कुल आबादी 14.30 करोड़ है. वहीं जनसंख्या में करीब 2.14 करोड़ से ज्यादा लोग मुस्लिम माने जा रहे हैं. यानी लगभग 15% यह आंकड़ा पूरी तरह सटीक नहीं है क्योंकि रूस में जनगणना के दौरान धर्म पूछा नहीं जाता.
आबादी तेजी से बढ़कर करीब 18.6 मिलियन तक पहुंचे की उम्मीद
इसलिए यह संख्या अलग-अलग संस्थाओं और रिपोर्ट्स के अनुमान पर आधारित है. पीओ रिसर्च जैसी बड़ी संस्था तो यहां तक कहती है कि 2030 तक रूस में मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़कर करीब 18.6 मिलियन तक पहुंच सकती है. असल में यह कहानी बहुत पुरानी है. रूस के दक्षिणी इलाकों चेचन्या दागिस्तान तातास्तान में सदियों से मुसलमान रहते आए हैं. लेकिन
सोवियत यूनियन के दौर 1917 से 1991 में धर्म को खुलेआम मानने की आजादी नहीं थी.
मुस्लिम परिवार चुपचाप अपने रीति रिवाज निभाते थे
उस समय मुस्लिम परिवार चुपचाप अपने रीति रिवाज निभाते थे. फिर 1991 में जब सोवियत यूनियन टूट गया तो साफ बदलते हालातों में मुस्लिम समुदाय को नई पहचान मिली और धीरे-धीरे उनकी संख्या बढ़ने लगी. 90 के दशक की शुरुआत में रूस की आबादी 14.8 करोड़ के आसपास थी और मुसलमान करीब 4 से 1.6 करोड़ थे. यानी करीब 10% लेकिन इसके बाद मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़ने लगी. इसकी दो बड़ी वजहें सामने आती हैं. पहली मुस्लिम इलाकों में जन्म दर बाकी रूस से कहीं ज्यादा थी. जहां औसतन 1.4 बच्चे प्रति महिला के मुकाबले मुस्लिम परिवारों में यह 2.3 तक था. दूसरी मध्य एशिया, उज़्बेकिस्तान, ताजाकिस्तान, कजाकिस्तान से लाखों लोग नौकरी की तलाश में रूस आए जिसमें अधिकतर मुसलमान थे.
मॉस्को में ही 10 लाख से ज्यादा मुस्लिम आबादी
2010 तक सिर्फ मॉस्को में ही 10 लाख से ज्यादा मुस्लिम आबादी रहने लगी. साल 2010 आते-आते मुस्लिम आबादी 1.6 करोड़ तक पहुंच गई. यानी करीब 11.7% वहीं रूस की कुल आबादी लगातार घट रही थी. कम जन्म ज्यादा मौतें लेकिन मुस्लिम बहुल इलाकों में बच्चे ज्यादा हो रहे थे और नए लोग लगातार आ रहे थे जिससे आबादी लगातार बढ़ती रही. रूसी पब्लिक ओपिनियन रिसर्च सेंटर के एक सर्वे के मुताबिक करीब 7% लोग खुद को मुस्लिम बताते हैं. लेकिन मुस्लिम संगठनों के नेता यह संख्या 17% तक बताते हैं. यानी करीब 2.5 करोड़ मुसलमान. एक्सपर्ट्स के अनुसार मुस्लिम आबादी हर साल 1 से 2% की रफ्तार से बढ़ रही है. जबकि रूस की कुल आबादी घट रही है. यही वजह है कि 2030 तक मुस्लिमों का हिस्सा और ज्यादा बढ़ने की आशंका है. विशेषज्ञों का कहना है कि यह बदलाव रूस के समाज, उसकी संस्कृति और यहां तक कि विदेश नीति तक को प्रभावित कर सकता है.
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