मनरेगा को लेकर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा, यह जो विधेयक है यह उस अधिकार को कमजोर और जिस तरह से इस विधेयक में दो तीन चीज ऐसे इन्होंने डाल दी है जो ऊपर से ऐसे लगता है कि चलिए दिन बढ़ा दिए हैं आपने वेतन बढ़ाया है नहीं बढ़ाया मजदूरी बढ़ाई है नहीं बढ़ाई है दूसरा आप इतने सालों से कम करते जा रहे हैं. जहां जाएंगे आप मनरेगा के मजदूरों से पूछेंगे वो बोलेंगे कि अभी तक पैसे और आपने अब क्या किया है कि पहले ग्राम पंचायत तय करती थी कि कहां पे कौन सा मनरेगा का काम होगा.
पंचायती राज का मकसद ही है जब यह बार-बार मेरे पिताजी की बात बोलते हैं ना कि पैसे जितने पैसे हम भेजते हैं उसमें उतने पहुंचते नहीं है तो जो पंचायती राज का बिल था वह इसीलिए था ताकि कि पैसे जो सरकार के पैसे हैं वह डायरेक्ट ग्राम तक पहुंचे. गांव तक पहुंचे और गांव में पंचायत में तय किया जाए कि किस तरह से खर्चे जाएंगे. तो अगर आप उसका विपरीत कर रहे हैं तो इसका मतलब कैसे है कि आप भ्रष्टाचार को खत्म कर रहे हैं और जिम्मेदारी लीजिए. आप नया विधेयक लाए हैं. उसमें आप जिम्मेदारी से तो आप हाथ धो रहे हैं कि जितने भी मनरेगा के पैसे जो केंद्र से आते थे 90% केंद्र से आते थे और इनके विधेयक में ज्यादातर प्रदेशों में अब 40% केंद्र से आएंगे तो ना आप जिम्मेदारी लेना चाहते हैं. आप जनता का अधिकार कम करना चाहते हैं और जितनी सत्ता है केंद्रित करना चाहते हैं.