कभी तेज धूप तो अगले ही पल झमाझम बारिश। कभी कपकपाती सर्दी और चारो तरफ धुंध तो अगले ही पल आसमान साफ यह चमत्कार नहीं गुस्सा है प्रकृति का। विकास के नाम पर पकृति से छेड़छाड़ वर्षों से होता रहा है। विकास कितना हुआ ये देखने की बात है पर इस दौरान पकृति के साथ हमने क्या किया है ये सोचने की बात है।
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