धर्मादेश में शामिल हुए स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि अब हालात काबू से बाहर हो रहे हैं और हमारा सब्र टूट रहा है. राम मंदिर या तो अध्यादेश के जरिए बन सकता है या फिर सौहार्दपूर्ण माहौल से बनाया जा सकता है.
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