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सुप्रीम कोर्ट ने गुरूवार को IPC 377 के खिलाफ दायर याचिका पर ऐतिहासिक सुनवाई करते हुए समलैगिंकता को अपराध के दायरे से बाहर कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सेक्शुअल ओरिएंटेशन (यौन रुझान) बयॉलजिकल है। इस पर रोक संवैधानिक अधिकारों का हनन है। कोर्ट ने कहा LGBT समुदाय के अधिकार भी अन्य लोगों की तरह हैं।
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