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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संदेह का लाभ देते हुए तलवार दंपती को बेटी के कत्ल के जुर्म में रिहा कर दिया है। लेकिन कत्ल की कहानी घूम कर फिर वही जा खड़ी हुई जहां से शुरुआत हुई थी। जांच अधिकारी बदलते रहे, जांच करने वाली एजेंसियां बदली सबूत हासिल करने की तकनीके बदली लेकिन सवाल नहीं बदला, आख़िर कत्ल किसने किया?
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