बुधनी एक संताल युवती थी। उन्होंने 6 दिसंबर 1959 को डीवीसी के मैथन डैम को प्रधानमंत्री नेहरू की मौजूदगी में बटन दबा कर देश को समर्पित किया था। नेहरू जी ने संताल युवती बुधनी से मैथन डैम का उद्घाटन कराकर आदिवासी एवं देशज जनों को यह संदेश देने की कोशिश की थी कि वे राष्ट्र निर्माण के लिए तैयार हैं। बुधनी को नेहरू की पत्नी बना दिया इसके बाद बुधनी को गांव से निकाल दिया और इस घटना के बाद बुधनी का जीवन त्रासदी में बदल गया।
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