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11 साल पहले 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए सबसे बड़े आतंकी हमले के शिकार सैंकड़ो आम लोगों के साथ सेना के जवान हुए. अपने परिवारों को हमले में खो चुके लोगों के घाव आज भी ताजा है. इन्ही में से एक देविका जिसके पैर में आतंकवादी कसाब से गोली मारी थी. सुनिए उनकी कहानी उन्ही की जुबानी.
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