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पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतें और डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरती कीमतों को लेकर कांग्रेस, वाम दल और आरजेडी समेत कुल 20 पार्टियां भले ही विरोध प्रदर्शन कर रही हो लेकिन अरविंद केजरीवाल और ममता बनर्जी समेत कई नेताओं ने अपनी पार्टी को इस बंद से दूर रखा है। सवाल उठता है कि बीजेपी के ख़िलाफ़ जब सभी विपक्षी पार्टियां एकजुट हो रही है तो आख़िर यह पार्टियां अलग दिखने की कोशिश क्यों कर रही है? कहीं यह तीसरे मोर्चे की तैयारी की सुगबुगाहट तो नहीं।