कई मीटिंग और अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत के कूटनीतिक दबाव के बाद चीन की सेना पीछे हटने को तैयार हो गई है. इसी के साथ भारत ने यह साफ कर दिया है कि यह 1962 वाला भारत नहीं है.
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