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नागरिकता संशोधन बिल पर कैबिनेट की मुहर लगने के बाद आज अमित शाह ने लोकसभा में बिल पेश किया. साल 1955 में आए नागरिकता संशोधन बिल के तहत अफगानिस्तान, बांग्लादेश, पाकिस्तान के शरणार्थियों को 11 साल देश मे रहने के बाद हिंदुस्तान की नागरिकता मिलती है. वहीं अब मोदी सरकार संशोधित बिल के मुताबिक, तीनों देशों के गैर मुस्लिम अगर 6 साल से भारत में रह रहे तो वह नागरिकता कानून के हकदार है.
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