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आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) द्वारा ताज महल के अंदर नमाज नहीं पढ़ने के आदेश के बावजूद वहां नमाज पढ़ी जा रही है. एएसआई ने आदेश में कहा था कि सिर्फ शुक्रवार को नमाज पढ़ी जाएगी. सवाल उठका है कि विरासत पर मजहबी टकराव क्यों? क्या राष्ट्रीय धरोहर ताज महल किसी खास धर्म का है? ताज महल पर के फैसले को क्यों राजनीतिक रंग दिया जा रहा है? बजरंग दल ने कहा है कि नमाज के खिलाफ आंदोलन होगा, नमाज पढ़ने वालों पर कार्रवाई हो. देखिए इसी मुद्दे पर बड़ा सवाल.