कोरोना वायरस कब किसे गिरफ्त में ले ले यह कहा नहीं जा सकता. बावजूद इसके तबलीगी जमात के रवैये में कोई सुधार देखने को नहीं मिल रहा है. पहले मरकज में भीड़ से कोरोना का कहर देश के कोने-कोने तक पहुंचाया और अब जब मेडिकल जांच के लिए कहा जा रहा है तो जमात के लोग अंडरग्राउंड हो रहे हैं. यही हाल मरकज के मौलाना साद का है. जो न तो क्राइम ब्रांच के सवालों का जवाब दे रहे हैं और न ही सामने आ रहे हैं. ऐसे में सवाल है कि देश को कोरोना की आग में झोंकने वाले का इलाज क्या होना चाहिए. क्या ऐसे लोगों पर धारा 302 का मुकदमा चलना चाहिए.