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जब पैसों के सामने सारी नैतिकता धरी की धरी रह जाए. जब सिस्टम में व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण होनहारों को घर बैठना पड़ा. जब पूरा देश यह देखकर अचंभित था कि कैसे कुछ लोगों के लालच ने पूरी एक पीढ़ी के भविष्य को गर्त में डाल दिया. यह कहानी है उस कंट्रोवर्सी की जिसकी पर्ते आज भी उतनी ही उलझी हैं जितनी तब थी जब इसका पहला पन्ना खुला था. देखिए व्यापम के कलंक की कहानी.