जनता जनारधन है और जनता का नाम जमुरिया. जमुरित का जुनुन जब परवान चढ़ता है तब सिघंहासन ढोलता है. बदलाव की आंधी चलती है. यही जनता है जो सिर आंखों पर मिठाती है. लेकिन जब ऐतबार उठता है तब जनता सूरमाहों का वजूद मिटा देती है. देखिए VIDEO
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