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उद्धव सरकार कंगना रनौत के ऑफिस को गिराने में एक मिनट भी नहीं लगाती, वहीं महाराष्ट्र में पायल घोष को अनुराग कश्यप के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए घंटों से इंतजार कर रही है. लेकिन पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं कर रही है. ऊपर से बीएमसी पायल घोष के सोसाइटी को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दी जाती है. तो क्या उद्धव सरकार अनुराग कश्यप को बचाने की कोशिश कर रही है.
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