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संशोधित नागरिकता अधिनियम पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न के बाद 31 दिसंबर, 2014 तक भारत में बसे रहने वाले हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के सदस्यों को नागरिकता देगी. लेकिन इस कानून को लेकर देशभर में फैले मुस्लिमों को ये कानून अपनी नागरिकता पर खतरा लग रहा है. हालांकि, सदन में पहले ही अमित शाह साफ कर चुके है इस काननू से मुसलमानों का हक छीन जाएगा. इसके साथ ही NRC भी लागू की जाएगी.