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क्या देश में नियम कानून सभी के लिए बराबर हैं? देश में कोई खुद अथॉरिटी कैसे बन सकता है. कोई धार्मिक संस्था यह कैसे तय कर सकती है कि आखिर किस तरह का सामान बिकेगा और किस तरह का नहीं. क्योंकि भारत में हलाल नाम की एक संस्था है जो इस तरह का सर्टिफिकेट देती है. मांस के संदर्भ में इस्तेमाल होने वाला हलाल शब्द अब बिल्डिंग, मेकअप में भी इस्तेमाल होने लगा है. जानिए क्या है हलाल और झटका इकोनॉमी.