Indigo crisis: इनदिनों देशभर में इंडिगो की फ्लाइट्स लगातार रद्द हो रही हैं. जिसके चलते यात्री बहुत परेशान है. ऐसे में दूसरी एयरलाइंस का किराया भी आसमान छूने लगा है, लेकिन अब इसे लेकर सरकार ने नया नियम बना दिया है.
Indigo crisis: बीते कुछ दिनों से घरेलू उड़ानों में भारी अव्यवस्था देखने को मिल रही है. उसे कंट्रोल करने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. देश भर में लगातार बढ़ते एयरफेयर और फ्लाइट कैंसिलेशन के बीच सरकार ने घरेलू फ्लाइट टिकटों पर अधिकतम किराया सीमा तय कर दी है. अब घरेलू रूट्स पर इकोनमी क्लास के किराए की ऊपरी लिमिट 7500 से 18,000 के बीच होगी. यह फैसला उस समय आया जब देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो ने अचानक हजारों फ्लाइट्स रद्द कर दी.
इंडिगो की फ्लाइट कैंसिल होने के बाद बढ़ा एयर फेयर
दरअसल, इंडिगो की फ्लाइट्स के लगातार कैंसिल होने की वजह से एयर फेयर आसमान छूने लगा. उसके बाद सरकार ने हवाई किराए को लेकर नियम बनाया. सरकार के नए फैसले के मुताबिक 500 किमी तक का एयर फेयर अब 7500 से ज्यादा नहीं होगा. जबकि 1000 से 1500 किमी के बीच वाले रूट्स जैसे दिल्ली से मुंबई का अधिकतम किराया अब 15,000 तय किया गया है. वहीं 1500 किमी से ज्यादा की दूरी वाली उड़ानों के लिए अधिकतम किराया 18,000 होगा. हालांकि इसमें एयरपोर्ट, चार्ज और टैक्स शामिल नहीं है.
कोविड के समय भी बढ़े थे दाम
सरकार ने बताया कि ऐसा किराया नियंत्रण सिस्टम पहले भी कोविड महामारी के समय लागू किया गया था. बाद में जब मांग सामान्य हो गई तो इसे 2022 में खत्म कर दिया गया था. लेकिन इस बार स्थिति एकदम अलग थी. इंडिगो के लगातार कैंसिलेशन की वजह से देश भर में उड़ानों की सप्लाई अचानक कम हो गई. इंडिगो का मार्केट शेयर 60 प्रतिशत से ज्यादा होने के कारण जब उसने एक साथ रोजाना सैकड़ों फ्लाइट रद्द की तो बाकी एयरलाइंस ने भी किराया बढ़ा दिया.
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