आज के बदलते माहौल में बच्चों की पेरेंटिंग के तरीके बदलते जा रहे हैं. पहले बच्चे दादा-दादी और आसपास से बहुत सी चीजें सीखते थे, जो अब सिंगल फैमिली में संभव नहीं. ऐसे में पेरेंट्स की जिम्मेदारियां बढ़ गई हैं. खासतौर से किशोर अवस्था में यानी 12-13 साल की उम्र के बाद बच्चों को कुछ चीजें सिखाना और ध्यान रखना बहुत जरूरी है. ये हैं कुछ जरूरी बातें
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