दिवाली का पर्व हो और दिवाली पर पटाखे न जले फिर तो दिवाली फीकी ही लगती है. लेकिन जैसा की आप भी जानते है प्रदुषण के कारण पटाखें जलाना मना है लेकिन फिर भी पटाखों के बिना किसी को चैन नहीं है. आतिशबाजी करने के शौकीन, पटाखे जलाने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. लेकिन वायु प्रदूषण (Air Pollution) को रोकने के लिए कई राज्य सरकारों ने पटाखों पर बैन (Firecrackers Ban) लगा राखी है क्यूंकि लोगों के स्वास्थ्य और वातावरण को ध्यान में रखते हुए पटाखों की खरीद-बिक्री पर रोक लगाना बेहद जरुरी है. ऐसे में अब ग्रीन पटाखें (Green Firecrackers) चर्चा का विषय बन चुकें हैं.