उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. गंगा, यमुना, शारदा, घाघरा, सरयू और राती जैसी नदियां उफान पर हैं, जिससे 22 जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. कई इलाकों में पानी घरों में घुस गया है और लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं. राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने सभी बाढ़ चौकियों को अलर्ट पर रखा है और राहत-बचाव टीमों को सक्रिय कर दिया है. बावजूद इसके, हालात अभी भी लोगों के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं.
स्कूलों पर पड़ा असर
आज (08 अगस्त) सुबह से जारी तेज बारिश ने बच्चों की पढ़ाई पर भी असर डाला है. लखनऊ, वाराणसी, बाराबंकी, पीलीभीत समेत कई जिलों में डीएम ने आदेश जारी कर कक्षा आठ तक के सभी स्कूलों को बंद कर दिया है. इससे पहले भी खराब मौसम के कारण कई बार स्कूल बंद किए जा चुके हैं.
जलस्तर में उतार-चढ़ाव, लेकिन डर कायम
गंगा और यमुना का जलस्तर कई जिलों में खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया था. हालांकि, प्रयागराज में अब पानी धीरे-धीरे घटने लगा है. सिंचाई विभाग के अनुसार, नैनी में यमुना का जलस्तर 83.68 मीटर और फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 83.58 मीटर है, जो खतरे के निशान से लगभग 1 मीटर नीचे है. पानी लगभग प्रति घंटे 4 सेंटीमीटर की रफ्तार से कम हो रहा है और उम्मीद है कि यह कमी जारी रहेगी.
इसके बावजूद, प्रभावित इलाकों के लोग अपने घर लौटने से हिचकिचा रहे हैं. प्रयागराज के करेली, गौस नगर, इस्लाम नगर, गड्ढा कॉलोनी, ककहरा घाट, सदियापुर और सलोरी जैसे क्षेत्रों में बाढ़ का पानी भरने से लोग पहले ही काफी परेशान हो चुके हैं. अब जब पानी उतर रहा है, तब भी राहत शिविरों में रह रहे लोग डरते हैं कि कहीं पानी फिर से न बढ़ जाए और उन्हें दोबारा रातोंरात पलायन करना पड़े.
सफाई और राहत कार्य जारी
नगर निगम ने प्रभावित क्षेत्रों में सफाई अभियान तेज कर दिया है. कीचड़ हटाने के साथ ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया जा रहा है ताकि बीमारियों का खतरा कम हो. प्रशासन हालात पर नजर बनाए हुए है, लेकिन लोग तभी घर लौटने को तैयार हैं जब पूरी तरह से खतरा टल जाए.
कई जिलों में नदियां खतरे के निशान से ऊपर
फिलहाल बदायूं, वाराणसी, गाजीपुर और बलिया में गंगा, लखीमपुर में शारदा, अयोध्या और बलिया में घाघरा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. गढ़मुक्तेश्वर और मिर्जापुर में गंगा, मुरादाबाद में रामगंगा, बहराइच में सरयू, और श्रावस्ती में राती नदी खतरे के करीब है.
बाढ़ से प्रभावित 22 जिलों में बहराइच, बाराबंकी, बलिया, बस्ती, बिजनौर, बदायूं, चंदौली, चित्रकूट, फर्रुखाबाद, गाजीपुर, गोंडा, गोरखपुर, हापुड़, हरदोई, कासगंज, लखीमपुर खीरी, मेरठ, मिर्जापुर, प्रयागराज, शाहजहांपुर, श्रावस्ती और वाराणसी शामिल हैं.
लगातार बारिश और नदियों के बढ़ते जलस्तर ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. प्रशासन राहत और बचाव में जुटा है, लेकिन मौसम का कहर अब भी जारी है.
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