आखिरी सालों में हड्डियों का ढांचा बन गई थी Madhubala, तड़पने के बावजूद थी जिंदा रहने की चाह

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Sahista Saifi
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#Madhubala #MadhubalaChildren #MadhubalaDeathReason #MadhubalaAge मधुबाला (Madhubala) अपने जमाने में खूबसूरती के लिए जानी जाती थी. वो अदाकारा तो कमाल की थी ही, लेकिन उनकी खूबसूरती हर किसी को उनका कायल बना देती थी. उन्होंने अपने जमाने में 'मुगल-ए-आजम', 'हावड़ा ब्रिज', 'महल', 'बरसात की रात', 'चलती का नाम गाड़ी' जैसी बेहतरीन फिल्में दी. जो आज भी लोगों को पसंद आती हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि मधुबाला के शुरुआती और बाद के दिन जितने शानदार रहे. आखिरी समय में दिन उतने ही बुरे रहे. मधुबाला (Madhubala) की हालत तो ये हो गई थी कि उनके शरीर में केवल हड्डियां ही बची थी. लेकिन फिर भी उनके अंदर जीने की चाह कम नहीं हुई थी, जो उन्हें बार-बार जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित करती थी.

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