हाथरस को भड़काने के बीच क्या इंसाफ़ की आवाज दब गई? हाथरस में परिवार बनाम परिवार क्यों? इस मुद्दे पर हाथरस केस के अभियुक्त के बाबा ने कहा, तकनीक के माध्यम से ये सब साक्ष्य सामने आ रहा है, इसे झूठ नहीं कहा जा सकता है. दोनों परिवार एक ही गांव के थे, इसलिए दोनों एक-दूसरे को जानते थे. 14 सिंतबर को मेरा लड़का ड्यूटी के लिए निकल गया था, यहां कोई घटना नहीं घटी है, न तो किसी ने चीखपुकार सुनी थी. अगर ऐसी घटना होती तो दरेती या किसी हथियार का प्रयोग क्यों नहीं किया गया. मैं भी बिटिया की न्याय की गुहार लगा रहा हूं. अगर बेटे दोषी हैं तो उन्हें जरूर दंड मिलना चाहिए.अगर मेरे बच्चे अपराधी हैं तो उन्हें गोली से उड़ा देना चाहिए. मेरे बच्चे के सारे टेस्ट करा लो, हम हर जांच के लिए तैयार हैं. ये लोग सिर्फ एक बच्चे पर एफआईआर कर रहे हैं और अब ये तीन लोगों को और नाम बढ़ा रहे हैं. जितनी सरकार मुआवजा दे रही है उतना मुआवजा मैं दे दूंगा, लेकिन अगर वे दोषी पाए गए तो जितना मुआवजा उन्हें मिल रहा है वह हमें मिलना चाहिए.
#NewNation_Exposes_TRP #हाथरस_का_इंसाफ