बॉलीवुड में एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या और उनकी उस समय की मानसिक स्थिति के बारे में मनोचिकित्सक डॉ. दीपक रहेजा ने कहा, आज के युग में क्लीनिकल डिप्रेशन का इलाज नहीं है ये अगर बॉलीवुड जैसी जगह पर लोग कहेंगे तो हास्यपद होगा. किसी भी मानसिक रोगी को याद दिलाना कि तुम बीमार हो, यह बहुत खतरनाक होता है. हमें बचपन से एक बात बताई जाती है कि अंधे को अंधा नहीं कहना चाहिए. किसी भी डिसेबिलटी के लिए उसे बार-बार याद नहीं दिलाना चाहिए.
Advertisment
हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें!
विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें