1947 से पहले के धार्मिक स्थलों से छेड़छाड़ नहीं होगा, 1991 में हुआ यह प्रावधान : मौलाना साजिद रशीदी

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Sushil Kumar
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कुतुब मीनार-मंदिर वाली जगह पर किसका अधिकार? भगवान विष्णु और जैन तीर्थंकर को क्यों बनना पड़ा पक्षकार? ध्रुव स्तंभ कैसे बना कुतुब मीनार? इन सवालों पर AIIA अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने कहा, कुतुब मीनार बनाने में कई बादशाहों का योगदान है. 1991 में पूजा स्थलों को लेकर विशेष प्रावधान है कि 1947 से पहले के धार्मिक स्थलों से छेड़छाड़ नहीं होगा. कुव्वतुल इस्लाम को धरोहर माना गया. बाबरी मस्जिद केस में ASI के बड़े अधिकारी ने कहा था कि मंदिरों के अवशेष मिले हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे सिरे से खारिज कर दिया था.#QutubControversy #DeshKiBahas

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