Updated : 14 October 2020, 10:35 PM
सरकारी पैसे से मज़हबी शिक्षा कब तक? असम में 'मदरसा बंदी' की ज़रूरत क्यों पड़ी? कुरान की शिक्षा तो भगवद्गीता और बाइबिल क्यों नहीं? इस मुद्दे पर सहारनपुर के दर्शक कपिल मोहडा ने कहा, सरकारी खर्चे पर धर्म की शिक्षा बिलकुल भी नहीं देना चाहिए. इन मदरसों के भीतर देश के खिलाफ आतंकी गतिविधियों की ट्रेनिंग दी जाती है. हमारी ये मांग है कि पूरे देश के मदरसों, मौलाना और मौलवियों की जांच होनी चाहिए.
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