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चंद्रशेखर आजाद को जनेऊधारी या तिवारी लिख दिया गया तो उसमें गलत क्या है? महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद का पराक्रम हर हिंदुस्तानी के लिए प्रेरणा है. उन्होंने पूरा जीवन जंग-ए-आजादी के लिए कुर्बान कर दिया. अभी चार दिन पहले 23 जुलाई को देश ने इस वीर सपूत की जयंती पर नमन किया. तभी से चंद्रशेखर आजाद के तिवारी और जनेऊधारी होने को लेकर बहस छिड़ गई है. इस मुद्दे पर नोएडा से दर्शक उदय कुमार मुन्ना ने कहा, जनेऊ एक संस्कार है. अगर किसी ने सकारात्मक बनकर उन्हें भारतीय संस्कृति से जोड़ा है तो इसमें गलत क्या है? चाहे वो जनेऊधारी हों चाहे वो टोपीधारी हों, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है.
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