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किसान-केंद्र का संवाद, तो कहां रुकी बात? किसानों के लिए किसने बिछाया भ्रम का जाल? क्या कृषि कानून से किसान का होगा बेड़ापार? इन सवालों पर किसान रामनीक मान ने कहा, सरकार इस कानून में संशोधन के लिए तैयार है, फिर भी आंदोलन हो रहा है. अगर प्राइवेट पार्टियों को फसल बेचने का अधिकार दे दिया गया तो इसमें गलत क्या है. किसान रास्ता बंद करके ब्लैकमेल कर रहे हैं. इस मामले में कमेटी गठित कर चर्चा हो.#ReformsForFarmers #DeshKiBahas