गुरुग्राम से दर्शक डॉ. चांदनी सेन गुप्ता ने कहा, सभ्यता धर्म के आधार पर बांटी नहीं जा सकती है. अभिव्यक्ति की आजादी की चर्चा तो खूब की जाती है लेकिन लागू नहीं हो पाती है. पूजा-अर्चना करना भी एक तरह से अभिव्यक्ति की आजादी है.
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